केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बहुत ही गुपचुप तरीके से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम के राष्ट्रीकरण संबंधी कानून को 2016 में रद्द कर दिया था. ऐसे में भारत पेट्रोलियम को निजी या विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए सरकार को संसद की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.
निरसन एवं संशोधन कानून, 2016 के तहत 187 बेकार और पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है. इसमें 1976 कानून भी शामिल है, जिसके जरिए पूर्ववर्ती बुरमाह शेल का राष्ट्रीयकरण किया गया था.
नोमुरा के नोट के अनुसार, बीपीसीएल की हिस्सेदारी खरीदने के बाद रिलायंस को 25 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल हो जाएगी. इसमें 3.4 करोड़ टन की अतिरिक्त रिफाइनिंग क्षमता के साथ उसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पर अधिकार भी मिल जाएगा. इसके साथ ही कंपनी के करीब 15 हजार पेट्रोल पंपों के साथ ही रिलायंस को अपना कारोबार बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.
Source : The wire
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